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राजा नबुखद्नेस्सर : मनुष्य और पशुओं का राजा | बड़ा सबक देती यह कहानी | story of nebuchadnezzar in the bible

story of nebuchadnezzar in the bible in hindi

घमंड. तीन अक्षरों का शब्द, पर जब मनुष्य पर हावी हो जाता है तब वह उसे बड़े संकट में लाकर खड़ा कर देता हैं. जब मनुष्य में घमंड प्रवेश करता हैं, तब वह खुद को श्रेष्ठ मानने लग जाता हैं, हर जगह वह खुद को पहला स्थान देता हैं. और जो कुछ उसे परमेश्वर की कृपा से उपहार के रूप में मिलता हैं उसे वह खुद के बलबूते पर हासिल करना ही समझता हैं.

तो प्रियों आज हम आपके सामने एक ऐसे राजा की कहानी लेकर आये हैं, जिसे परमेश्वर ने सबकुछ दिया. राजत्व, मानसमान, धनदौलत यहाँ तक की दुनिया की महशक्ति भी बनाया, लेकिन जब उसके मन में घमंड उत्पन हुआ, तब उसे अपना सबकुछ छोड़कर जानवरों की तरह जीना पड़ा. क्योंकि यिर्मयाह 9:23 बाइबिल कहती हैं,

यहोवा यों कहता है, बुद्धिमान अपनी बुद्धि पर घमण्ड न करे, न वीर अपनी वीरता पर, न धनी अपने धन पर घमण्ड करे;

क्योंकि सेनाओं के यहोवा का दिन सब घमण्डियों और ऊंची गर्दन वालों पर और उन्नति से फूलने वालों पर आएगा; और वे झुकाए जाएंगे; यशायाह 2: 12

प्रियों यह कहानी हैं, बाइबिल इतिहास के सबसे ताकतवर राजाओं में से एक, राजा नबुकदनेस्सर की. एक ऐसा राजा जिसकी महत्वाकांक्षाएँ बहुत ऊँची थीं; वह दुनिया पर राज करने का सपना देखता था. और राजा बनने के कुछ ही समय में वह विश्व महाशक्ति बन भी जाता हैं. और न केवल सभ्य दुनिया के विशाल हिस्से उनके अधीन थे, बल्कि उसे पशु साम्राज्य पर भी प्रभुत्व प्रदान किया गया था: लेकिन उसके जीवन में ऐसा भी समय आया कि उसे 7 साल तक मनुष्य से अलग होना पड़ा और बैल की तरह घास खाना पड़ा.

प्रियों लेख में आगे बढ़ने से पहले आपको बता दूँ कि, राजा नबुकदनेस्सर का उल्लेख हमें बाइबिल में 2 राजा 24 और 25; 2 इतिहास 36; यिर्मयाह 21 से 52; और दानिय्येल 1 से 4 इन अध्यायों में मिलता हैं. तो जानते हैं राजा नबुकदनेस्सर की कहानी.

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नबुकदनेस्सर राजा को नबूकदनेस्सर द्वितीय के रूप में भी जाना जाता हैं. उसने 605 से 562 ईसा पूर्व तक बेबीलोन पर राज किया. और अपने शासनकाल के दौरान, उसने अपने राजत्व को बहुत ही मजबूत किया और अपनी सैन्य ताकत में भी भारी वृद्धि की. उसने नव-बेबीलोनियन काल के सबसे प्रभावशाली और सबसे लंबे समय तक शासन करने वाले राजा के रूप में खुद को स्थापित किया, नबूकदनेस्सर ने अपने शासनकाल में बेबीलोन शहर को शक्ति और समृद्धि के शिखर पर पहुँचाया.

नबूकदनेस्सर की सैन्य प्रतिभा उसे, उसके समकालीन राजाओं में सबसे ऊपर रखती है. जब वहजवान था, तब उसने अपने पिता के साथ असीरिया के उत्तर में पहाड़ों में एक सेना की कमान संभाली. उन्होंने अपने पिता की जगह सेना के कमांडर के रूप में काम किया और उन्होंने असीरिया पर नियंत्रण हासिल करने के लिए मिस्र की सेना को हराया.

अपने पिता, राजा नबोपोलास्सर के मुख्य सैन्य अधिकारी के रूप में, उसने अपनी जवानी में ही युद्ध कुशलता और बर्बरता की कला को जान लिया था. और वह “नव-बेबीलोनियन साम्राज्य का सबसे महान military leader बन गया था.” कुल मिलाकर, उन्होंने बेबीलोन को आज़ाद कराने में एक प्रमुख भूमिका निभाई थी.

एक राजकुमार की अवस्था में ही उसकी हासिल की गई विजयों ने यह स्पष्ट कर दिया कि, राष्ट्रों पर विजय प्राप्त करना और बेबीलोन के प्रभुत्व को बढ़ाना उसमें क्षमता हैं. और राजा बनने के बाद, उसने राष्ट्रों पर विजय प्राप्त करना और अपना अधिकार स्थापित करना जारी रखा.

एक दहाड़ते हुए शेर की तरह क्रूरता से सत्ता में आए राजा नबूकदनेस्सर, ने लोगों के दिलों में डर पैदा कर दिया. कहा जाता हैं कि, उसके पूरे शासनकाल में, “किसी भी प्राणी के मुंह से कोई हंसी तक नहीं निकली.” और ये भी माना जाता हैं कि, नबूकदनेस्सर ने अपने जीवनकाल के दौरान लोगों पर इतना खौफ डाला, कि जब वह मर गया तब पाताल लोक में दिखाई दिया, तो वहां मौजूद सभी लोग भयंकर डर से ग्रसित हो गए, उन्हें डर था कि वह उन पर अपना शासन स्थापित करने के लिए आया है.

नबूकदनेस्सर एक शक्तिशाली राजा था, लेकिन उसने राष्ट्र निर्माण की पहल पर भी ध्यान केंद्रित किया. नबूकदनेस्सर ने कला और वास्तुकला को बढ़ावा दिया. चालीस फीट ऊंची बेबीलोन की प्रसिद्ध अभेद्य दीवारें आज के युग को शानदार वास्तुशिल्प को उनके वास्तु प्रेमी होने का दर्शन देते हैं . ग्रीक इतिहासकार हेरोडोटस के अनुसार , बेबीलोन की दीवारें इतनी मोटी थीं कि बेबीलोन के लोग उनके ऊपर रथ दौड़ आयोजित करने में सक्षम थे. बेबीलोन प्रसिद्ध हैंगिंग गार्डन का भी घर था, जो प्राचीन दुनिया के सात अजूबों में से एक है.

और ऐसे ही नबूकदनेस्सर के कुशल नेतृत्व के तहत, बेबीलोन प्राचीन दुनिया के सबसे शानदार शहरों में से एक में तब्दील होता गया क्योंकि राजा ने दुनिया की कुछ सबसे शानदार इमारतों और उद्यानों का निर्माण शुरू किया था. इश्तार गेट, जो आंतरिक शहर में आठवां द्वार था, जिसका निर्माण 575 ईसा पूर्व में नबूकदनेस्सर के शासनकाल के दौरान ही किया गया था.

यरूशलेम का जलाना

नबूकदनेस्सर ने अपने राज्यकाल के दौरान असीरिया, मिस्र और यहूदा समेत कई राज्यों पर विजय प्राप्त की लेकिन उसकी सबसे प्रसिद्ध विजय यरूशलेम की है. जब उस ने 586 ईसा पूर्व में यरूशलेम पर विजय प्राप्त की थी. यरूशलेम पर चढ़ाई करने के लिए उसे दो साल तक यरूशलेम की घेराबंदी करनी पड़ी थी. जब उसने यरूशलेम पर हमला बोला तब उसने कई लोगों को मार डाला, कई लोगों को यरूशलेम छोड़ने पर मजबूर किया, और कई प्रतिभाशाली यहूदियों को बंदी बनाकर बेबीलोन लेकर आया, जिसमें युवा दानिय्येल और उसके तीन दोस्त शद्रक, मेशक और अबेदनगो भी शामिल थे.

ऐसा कहा जाता है कि नबूकदनेस्सर ने अपने शासनकाल के दौरान शहरों का इतनी भयंकर आग से विनाश किया था कि, आग की तेज ने चूना पत्थर की इमारतों को चूने में बदल दिया था. और इस तरह नबूकदनेस्सर की विजयों ने उसे इतिहास के सबसे ताकतवर और महान राजाओं में से एक बना दिया, जिसने उसके साम्राज्य को एक शक्तिशाली ताकत में बदल दिया.

वह न केवल अपनी प्रजा के लिए बल्कि अन्य राष्ट्रों के लिए भी एक नेता बन गया. यहूदा जैसे शहरों ने तो करदाता राज्य बनकर उसके नियंत्रण में रहना पसंद किया.

प्रियों दानिय्येल की पुस्तक समय के पर्दे को पीछे खींचती है और दिखाती है कि कैसे परमेश्वर ने नबूकदनेस्सर का इस्तेमाल दुनिया के इतिहास को आकार देने के लिए किया. कई शासकों की तरह, नबूकदनेस्सर भी अपनी शक्ति और श्रेष्ठता में मगन था, लेकिन वास्तव में, वह परमेश्वर की योजना में केवल एक साधन था.

प्रियों नबूकदनेस्सर उस समय एक महान और अपराजित राजा बनकर उभरे थे. और दानिएल के मुताबिक, जो कुछ नबुकदनेस्सर ने हासिल किया था वह सब परमेश्वर की देन थी. यही नहीं यिर्मियाह ने उसे परमेश्वर का दास के रूप में संबंधित करते है.

यानी इससे ये साबित होता है की परमेश्वर सिर्फ इजराइल का परमेश्वर नहीं हैं, वह पूरी मानवजाती का परमेश्वर हैं. क्योंकि यहूदा और यरूशलेम जैसे शहरों को परमेश्वर ने उनके हाथों में दिया था.

हालांकि नबूकदनेस्सर परमेश्वर को छोड़ अन्य देवताओं की आराधना करता रहता हैं. दीन-दरिद्रों पर दया करने के बजाय उनपर अत्याचार करता हैं. और पाप में जीवन जीता हैं. अधर्म के मार्ग से फिराने के लिए शद्रक, मेशक और अबेदनगो के साथ अग्नि भट्टे में से परमेश्वर उसके सामने खुद को साबित भी करता हैं कि, मैं ही सच्चा परमेश्वर हूँ. और उस वक्त वह यहोवा परमेश्वर की प्रशंसा भी करता हैं. पर बाद में वह अपने देवताओं के अनुसार पाप में जीता रहता हैं.

उसे दो सपने भी आते है जिनका हल उनके पास मौजूद जादूगर, टोना-टोटका करने वाले और यहाँ तक की उसके भविष्यवक्ता तक नही बता पाते पर, दानियल के माध्यम से परमेश्वर उसके सपनोँ का अर्थ बताते हैं. तो भी वह परमेश्वर को नहीं पहचान पाता.

प्रियों बाइबल के अनुसार, नबूकदनेस्सर को किसी भी अन्य प्राचीन राजाओं की तुलना में परमेश्वर से अधिक दर्शन हुए थे. उसने परमेश्वर के स्वर्गदूतों को भी देखा, और उसका राजत्व, दर्शनों और परमेश्वर की चमत्कारी शक्तियों के प्रदर्शनों से भरा हुआ था.

जब नबूकदनेस्सर ने दूसरा सपं देखा तब परमेश्वर ने दानिय्येल के माध्यम से उसे उस पर आनेवाले बड़े संकट से आगाह किया, लेकिन उसने ने पूरी तरह से परमेश्वर के सामने खुद को समर्पण नहीं किया. दानिय्येल ने उस सपन का अर्थ बताया, जिसमें भविष्यवाणी की गई थी कि राजा को मनुष्यों के बिच से निकाला जाएगा. और जानवरों की तरह मैदानों में रहना होगा, बैलों की तरह घास खाना पड़ेगा. और आकाश की ओस से भीगेगा. और सात साल तक उसपर यह संकट रहेगा की, जब तक वह यह न जान ले की मनुष्यों के राज्य में परमप्रधन ही प्रभुता करता हैं. और जिसे चाहे उसे दे देता हैं.

यह भविष्यवाणी एक साल बाद नबूकदनेस्सर पर घट जाती हैं, जब वह अपनी महान शक्ति का बखान करता है, खुद पर घमंड करता हैं, और खुद को एक परमेश्वर के बराबर बताता है. और तब स्वर्ग से एक आवाज़ उसे बताती है कि परमेश्वर ने उससे उसका शाही अधिकार छीन लिया है. सपनों के ज़रिए उससे बात करने वाले परमेश्वर इस वक्त सिद्धे ऊपर से एक आवाज़ के ज़रिए उससे संवाद करता है.

परमेश्वर कहता हैं, हे राजा नबूकदनेस्सर तेरे विषय में यह आज्ञा निकलती है कि राज्य तेरे हाथ से निकल गया, और तू मनुष्यों के बीच में से निकाला जाएगा, और मैदान के पशुओं के संग रहेगा; और बैलों की नाईं घास चरेगा और सात काल तुझ पर बीतेंगे, जब तक कि तू न जान ले कि परमप्रधान, मनुष्यों के राज्य में प्रभुता करता है और जिसे चाहे वह उसे दे देता है.

और जैसे ही परमेश्वर की वाणी बंद हुई, राजा नबुकदनेस्सर को मनुष्यों में से निकाला जाता हैं, वह बैलों की तरह घास चरता फिरता हैं, उसकी देह आकाश की ओस से भीगती हैं, यहाँ तक कि, उसके बाल उकाब पक्षियों के परों की तरह और नाख़ून चिड़ियों के पंजो के समान बढ़ जाते हैं.

और नबूकदनेस्सर सात साल तक एक जानवर की तरह रहता है. धरती पर रहने वाले किसी भी अन्य राजा से अलग, वह मनुष्यों और जानवरों दोनों पर शासन करता है, और मानव और पशु दोनों के जीवन जीने के तरीके का अनुभव करता है.

और इस तरह परमेश्वर ने अभिमानी राजा को जंगली जानवर में बदलकर उसे नम्र बना दिया. और जब सात साल बीत जाते हैं तब वह परमेश्वर को याद करता हैं और स्वर्ग की ओर अपनी आँखे उठाकर परमेश्वर को धन्य कहकर उसकी महिमा करता हैं. वह कहता है,

“अब मैं नबूकदनेस्सर स्वर्ग के राजा को सराहता हूं, और उसकी स्तुति और महिमा करता हूं क्योंकि उसके सब काम सच्चे, और उसके सब व्यवहार न्याय के हैं; और जो लोग घमण्ड से चलते हैं, उन्हें वह नीचा कर सकता है.”

तो प्रियों नबूकदनेस्सर का शाही अधिकार इतना महान था कि बाइबल में स्वर्ग भी उसकी महानता को स्वीकार करता है. नबूकदनेस्सर की महानता और ताकत इतनी बढ़ गई थी कि वह आसमान तक पहुँच गई थी. उसका प्रभुत्व पृथ्वी के दूर-दूर के हिस्सों तक फैल गया था. वह लगभग दुनिया का राजा बन गया था. और वह मनुष्यों के साथ साथ जानवरों का राजा बना था.

अपने साम्राज्य, दुनिया पर अपना प्रभुत्व को देखकर वह घमंड में आकर खुद को एक देवता के समान मानने लगता हैं. वह खुद अपनी महिमा का बखान करने लगता है. अपनी शक्ति पर, अपने साम्रज्य पर और जो कुछ है उसपर घमंड करने लगता है. लेकिन परमेश्वर उसका घमंड तोड़ता हैं, और उसे नम्र बना देता हैं.

तो प्रियों राजा नबूकदनेस्सर की कहानी से हम क्या सीख सकते हैं. यही की परमेश्वर को घमंड नापसंद है. राजा ने जो कुछ हासिल किया था, उसके राज्य की जो महानता बढ़ी थी उसका सारा श्रेय उसने खुद लिया था. जिस परमेश्वर ने उसे ये सब दिया था उसे वह याद तक नहीं करता. यानी घमंड इस सच्चाई को नकारता है कि समृद्धि एक उपहार के रूप में परमेश्वर की कृपा के रूप से मिलती है.

प्रियों जब हम घमंड में होते हैं, तब ऐसे जीते हैं जैसे कोई परमेश्वर है ही नहीं, खुद अपने निर्णयों के अनुसार जीते हैं. उस वक्त हम वास्तविकता से संपर्क खो देते हैं. जब हम घमंड में आकर खुद को ईश्वर के अधीन करने से इनकार करते हैं, तब हम पशु के स्तर पर गिर जाते हैं. जैसे पशुओं को ईश्वर की कोई चेतना नहीं होती. वे आराधना करने में असमर्थ होते हैं. वे अनंत काल के लिए नियत नहीं हैं. और जब हम घमंड में आ जाते हैं, तो हम परमेश्वर के प्रति विवेक नहीं रखते, हम सच्चे मन से उसकी आराधना नहीं करते, और हम जानवरों की तरह जीते हैं जिनके पास अनंत काल नहीं है.

तो प्रियों घमंड एक गंभीर पाप है. इसलिए हमें घमंड के बारे में जागरूकता ज़रूरी है क्योंकि यह परमेश्वर के साथ हमारे रिश्ते में बाधा डालता है.

तो हम आशा करते है, आपने राजा नबुकदनेस्सर की कहानी से जरुर कुछ सिखा होगा. जिसे आप अपने जीवन में लागु करेंगे. आपको यह लेख कैसा लगा कमेंट सेक्शन में जरुर बताये.

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