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हमें बाइबल क्यों पढ़नी चाहिए | ये है 10 कारण | Why should we read the Bible

हमें बाइबल क्यों पढ़नी चाहिए | ये है 10 कारण | Why should we read the Bible

Praise the Lord. Why should we read the Bible?हमें बाइबल क्यों पढ़नी चाहि: आजकल कई मसीही लोगों का मन परमेश्वर का दिया हुआ वचन यानी bible पढ़ने में लगता ही नहीं हैं. वे अक्षर दुनिया की बातों में व्यस्त रहते हैं. और दुनिया की तरह जीवन जीने में ही मस्त रहते हैं. पर एक मसीही के लिए बाइबिल पढ़ना बहुत ही जरुरी हैं. क्योंकि बाइबिल पढ़ने से ही हमें उद्धार के मार्ग के बारे में पता चलता हैं. बाइबिल पढ़ने से ही परमेश्वर के स्वभाव के बारे में, मानवजाती के लिए उसकी योजनाओं के बारे में और दुनिया में किस तरह जीवन बीतना है इसके बारे में पता चलता हैं.

ये सच है कि, हम जो भी पढ़ते हैं उसका हम पर प्रभाव पड़ता है. सोचिए कि जब हम अपना न्यूज़ फीड पढ़ते हैं तो हमें कैसा लगता है, हम दुनिया की हर घटनाओं से वाकिफ होते है, और हाँ जिनसे हमें कोई लाभ भी नहीं होता फिर भी पढ़ते हैं. लेकिन अगर नियमित और लगातार बाइबल पढ़ते है तो हमें कई लाभ होते हैं.

हालाँकि, दुख की बात है कि इस अमूल्य खजाने को अक्सर अनदेखा कर दिया जाता है. उत्साह से खोले जाने के बजाय, बाइबल अक्सर धूल में लिपटी हुई पढ़ी रहती हैं. इसके पन्ने बार-बार इस्तेमाल से घिसने और फटने के बजाय, बेदाग़ स्थिति में रहते हैं.

तो प्रियों इस लेख के माध्यम से हमें बाइबिल क्यों पढ़ना चाहिए(Why should we read the Bible) और नियमित बाइबिल पढ़ने से क्या लाभ होगा? इन सवालों पर गौर करेंगे.

हमें बाइबल क्यों पढ़नी चाहिए (Why should we read the Bible)

हमें बाइबल क्यों पढ़नी चाहिए | ये है 10 कारण | Why should we read the Bible

बाइबल एक परमेश्वर प्रेरित पवित्र ग्रंथ है, जो हमारे सृष्टिकर्ता द्वारा हमें दिया गया एक उपहार है ताकि हम उसे व्यक्तिगत रूप से जान सकें. बाइबल हमें परमेश्वर का स्वभाव दिखाती है और हमें परमेश्वर के मार्गदर्शन को प्रदान करती है. बाइबल के प्रत्येक भाग में, हम परमेश्वर के पवित्र, अपरिवर्तनीय, विश्वासयोग्य, अनुग्रहकारी और प्रेमपूर्ण स्वभाव को देखते हैं.

बाइबल पढ़ने से हम जान सकते हैं कि परमेश्वर कौन है. बाइबल में जीवन, रिश्तों, काम के बारे में परमेश्वर का संदेश है – वास्तव में हम बाइबिल में उन सभी चीजों को पाते है जो हमारे जीवन को अर्थ देती हैं. बाइबल में हमें परमेश्वर का अपने लोगों के साथ व्यवहार के बारे में विवरण मिलता हैं. यह दिखाता है कि परमेश्वर किस तरह मानव जाती की परवाह करता है. इतना ही नहीं बाइबल साफ-साफ बताती है कि परमेश्‍वर के साथ हम निजी रिश्‍ता कैसे बना सकते हैं.

यानी बाइबल में सभी के लिए ज्ञान, सत्य और आशा है. बाइबल पढ़ कर ज्ञान प्राप्त करने के लिए आपको ईसाई होने की ज़रूरत नहीं है. परमेश्वर ने इसे इसलिए बनाया है ताकि कोई भी इसे पढ़ सके. और अपने जीवन को बेहतर बना सके.

2 तीमुथियुस 3:16-17 में पवित्रशास्त्र के विषय पर चर्चा करते हुए बताया गया है कि यह(यानी बाइबल) “उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है.” अगला पद आगे कहता है कि यह “हर अच्छे काम के लिये” पूर्णता और सुसज्जित होने की ओर ले जाता है.

इतना ही नहीं, इफिसियों 4:14-16; रोमियों 12:1-2 के मुताबिक, नियमित रूप से परमेश्वर के वचन को पढ़ने से हमारी सोच पुनः दिशाबद्ध होती है ताकि हम परिपक्वता में बढ़ सकें, जो कि मसीही बुलाहट का हिस्सा है.

हमें बाइबिल क्यों पढ़ना चाहिए इन 10 कारणों को अपने मन में लिख ले.

Why should we read the Bible

1). बाइबिल हमे जीना सिखाता है.

बाइबल जीवन के लिए व्यावहारिक ज्ञान से भरी हुई है. बाइबिल के माध्यम से ही हम जान पाते है की, परमेश्वर के बताए तरीके से कैसे जीना है. बाइबिल में आपको ऐसी जानकारी मिलेगी जो आपको यह समझने में मदद करेगी कि माता-पिता कैसे बनें, सफल विवाह कैसे करें, अपने काम को कैसे करें, परिवार के सदस्यों की देखभाल कैसे करें, कैसे क्षमा करें और कैसे प्रेममय जीवन जिए.

सम्पूर्ण पवित्रशास्त्र परमेश्वर की प्रेरणा से रचा गया है और उपदेश, और समझाने, और सुधारने, और धर्म की शिक्षा के लिये लाभदायक है। 17 ताकि परमेश्वर का जन सिद्ध बने और हर एक भले काम के लिये तत्पर हो जाए. – 2 तीमुथियुस 3:16-17

2. बाइबिल हमें धोखा खाने से बचाती है.

चौकस रहो! कोई तुम्हें उस तत्व-ज्ञान और व्यर्थ धोखे के द्वारा अहेर न कर ले, जो मसीह पर नहीं, परन्तु मनुष्यों की परम्पराओं और संसार की आदि शिक्षा के अनुसार है. – कुलुस्सियों 2:8

3. बाइबिल हमें विश्वास में दृड़ बनती हैं.

विश्‍वास संदेश सुनने से आता है, और संदेश मसीह के बारे में वचन के ज़रिए सुना जाता है। – रोमियों 10:17

४. हमें पाप से दूर रखती है .

मैंने तेरे वचन को अपने हृदय में रख छोड़ा है कि तेरे विरुद्ध पाप न करूं। – भजन 119:11

5. हमें आशा से भर दे.

अतीत में जो कुछ लिखा गया था, वह हमें सिखाने के लिए लिखा गया था, ताकि शास्त्रों में सिखाए गए धीरज और उनके द्वारा प्रदान किए गए प्रोत्साहन के माध्यम से हमें आशा हो। – रोमियों 15:4

6. हमारे जीवन को समृद्ध(सफल) बनाने में मदद करती है.

व्यवस्था की इसी पुस्तक को अपने होठों से सदैव लगाए रखना, और इसी पर दिन रात ध्यान देना, इसलिये कि जो कुछ उस में लिखा है उसके अनुसार करने में तू चौकसी करे। तब तू सफल और सफल होगा। – यहोशू 1:8

7. हमें नरक से बचाने के लिए है.

अपने जीवन से सारी गंदगी और बुराई को निकाल फेंको और परमेश्वर के वचन को नम्रता से स्वीकार करो जो तुम्हारे हृदयों में बोया गया है, क्योंकि इसमें तुम्हारी आत्माओं को बचाने की सामर्थ्य है। – याकूब 1:21

8. हमारी बुद्धि की वृद्धि में मदद करती है.

प्रभु का भय मानना ​​सच्ची बुद्धि की नींव है। जो कोई उसकी आज्ञाओं का पालन करेगा, वह बुद्धि में बढ़ेगा। सदा उसकी स्तुति करो! – भजन 111:10

9. बाइबिल परमेश्‍वर की इच्छा को प्रकट करती है

हमेशा आनन्दित रहो, निरन्तर प्रार्थना करो, हर परिस्थिति में धन्यवाद दो; क्योंकि मसीह यीशु में तुम्हारे लिये परमेश्वर की यही इच्छा है। (1 थिस्सलुनीकियों 5:16-18)

क्या आपने कभी सोचा है, “परमेश्वर मेरे जीवन में क्या करना चाहते हैं? मैं कैसे जानूँ कि मुझे किस मार्ग पर चलना है?” और यही बाइबल हमे बताती हैं कि परमेश्‍वर की इच्छा क्या है. तो प्रियों खुशी से जिएँ, हमेशा प्रार्थना करें और अपने जीवन में आशीर्वाद के लिए धन्यवाद प्रकट करें. यह आपको परमेश्वर की इच्छा में भी ले जाएगा.

10. बाइबिल आपको माफ़ करना सिखाता है.
सब प्रकार की कड़वाहट, क्रोध, गुस्सा, कलह, निन्दा, सब प्रकार की बैर-भावना से छुटकारा पाओ। एक दूसरे के प्रति दयालु और करुणामय बनो, और जैसे परमेश्वर ने मसीह में तुम्हारे अपराध क्षमा किए, वैसे ही तुम भी एक दूसरे के अपराध क्षमा करो। (इफिसियों 4:31-32)

बाइबल में क्षमा के बारे में बहुत कुछ कहा गया है. क्षमा पर विभिन्न वचनों को देखें, क्योंकि वे आपके दैनिक जीवन के लिए अभी भी सहायक होंगे. इस बारे में सोचें कि आपको किसे क्षमा करने की आवश्यकता है, और फिर उस व्यक्ति के प्रति अपनी किसी भी कड़वाहट को दूर करने का प्रयत्न करें.

आप नियमित बाइबल पढ़ने को अपने जीवन में कैसे शामिल कर सकते हैं

तो आपने बाइबिल क्यों पढ़ना जरुरी है ये जान लिया है. और अब आप भी हररोज बाइबिल पढ़ने का विचार कर रहे हैं. पर बाइबिल पढ़ने का शुरुआत कहाँ से करे, कब करे, किस समय पढ़ना अच्छा रहेगा? जैसे अनेकों सवाल मन में घूम रहे होंगे. तो सबसे पहले परमेश्वर से प्रार्थना करे की बाइबिल पढ़ने के लिए आपको प्रेरणा दे.

बाइबल पढ़ना शुरू करने से पहले ईश्वर से कहिए कि आपके दिमाग़ को खोल दें और परमेश्वर के शब्दों में आपको चीज़ें दिखाये. फिर अपने आप से एक वादा करिए. पढ़ने के लिए सुबह थोड़ा जल्दी उठिए. तय यह करिए: “बाइबल नहीं, नाश्ता नहीं, कोई अपवाद नहीं.” राजा दाऊद ने परमेश्वर के शब्दों को सुबह भी पढ़ा और रात में भी. (भजन 1:2).

शुरू में प्रतिदिन पढ़ना बहुत भारी लग सकता है. मगर जब आप उसे पढ़ रहे होते हैं, तब आपका दिमाग़ खुल जाता है और आप उससे पूरे दिन के लिए तैयार हो जाते हैं. बाइबल पढ़ना इसका आवश्यक भाग है. इसको छोड़िए नहीं. अगर आपको हताशा लगे, तब परमेश्वर से सहायता मांगिए. इसप्रकार आप नियमित बाइबिल पढ़ने को अपने जीवन में शामिल कर सकते हैं.

तो प्रियों हम आशा करते है कि, आपको हमारा यह लेख जरूर पसंद आया होगा. और आप भी हररोज अपने जीवन में बाइबिल पढ़ने की शुरुआत करेंगे. और आध्यात्मिक जीवन में में दृड़ होते जायेंगे. यही नहीं बाइबिल के माध्यम से आप परमेश्वर की योजनायें, उसकी करुना और उसके प्रेम को जान पायेंगे. इस लेख को लेकर अपने विचार कमेंट सेक्शन में जरुर शेयर करे. धन्यवाद.

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